पालीघाट सर्किल में शिकार की साजिश नाकाम – वन विभाग और ग्रामीणों की सजगता से टली बड़ी दुर्घटना, “सेव जंगल” का बना मिसाल



रायगढ़ – रायगढ़ वनमंडल अंतर्गत पालीघाट सर्किल में बीती रात वन्यजीवों के शिकार की एक खतरनाक साजिश को वन विभाग और ग्रामीणों ने मिलकर नाकाम कर दिया। जानकारी के अनुसार, कुछ शिकारियों ने 11 हजार केवी हाई वोल्टेज बिजली लाइन से करीब 5 किलोमीटर तक नंगे तार बिछाकर जंगली सुवरों को मारने का जाल बिछाया था।



ग्रामीणों की सक्रियता ने एक बार फिर वन्यजीवों की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। जैसे ही घटना की जानकारी ग्रामीणों को लगी, उन्होंने तत्काल वन विभाग अधिकारी प्रेमा तिर्की को सूचित किया। अधिकारी ने रात में ही त्वरित कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के सहयोग से सभी नंगे तारों को सुरक्षित रूप से हटवा दिया।

इस कार्रवाई में वन विभाग के अधिकारी लखन सिदार, शंकरलाल वारेन, रजनी कुजूर, रोहित सिदार एवं प्रसांत यादव मौजूद रहे।

वहीं ग्रामीणों में हरी चौहान, दयाधर प्रधान, उपसरपंच ओमप्रकाश शर्मा, बबलू नायक, किशोर सिदार और स्थानीय पत्रकार नरेश राठिया ने जंगल की सुरक्षा में तत्पर भूमिका निभाई।

ग्रामीणों का योगदान – “सेव जंगल” अभियान की मिसाल

पालीघाट क्षेत्र के ग्रामीणों का वन संरक्षण में यह पहला योगदान नहीं है। इससे पहले भी इनका योगदान सराहनीय रहा है। जंगल में लगी आग को बुझाने के दौरान नरेश राठिया और उनकी टीम के प्रयास का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। इसके अतिरिक्त कर्मागढ़ क्षेत्र में कुएं में गिरे एक भालू को सुरक्षित बाहर निकालने की घटना में भी इन्हीं ग्रामीणों की भूमिका अहम रही थी।



इन सभी प्रयासों ने क्षेत्र में “सेव जंगल” अभियान को जीवंत बना दिया है। ग्रामीणों की सजगता, संवेदनशीलता और वन्यजीवों के प्रति समर्पण का यह उदाहरण पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत है।

वन विभाग व ग्रामीणों की यह संयुक्त जागरूकता अभियान वन्यजीव सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त और अनुकरणीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।

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