हमीरपुर में “सुशासन तिहार” में दिखा अव्यवस्था का चेहरा, जनता ने जताई नाराज़गी
हमीरपुर के हाई स्कूल मैदान में 7 मई 2025 को आयोजित “सुशासन तिहार शिविर” उम्मीदों की बजाय अव्यवस्था का प्रतीक बनकर रह गया। दस ग्राम पंचायतों के लोगों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी वाले इस आयोजन में व्यवस्था की भारी कमी साफ नज़र आई।
शिविर में न तो पर्याप्त बैठने की व्यवस्था थी, न ही मूलभूत सुविधाओं का ठीक से प्रबंध किया गया। कई ग्रामीण बिना किसी सूचना या सहायता के लौट गए क्योंकि उन्हें शिविर के बारे में समय पर जानकारी नहीं मिल सकी। प्रचार-प्रसार की कमी साफ झलक रही थी।
एक जनप्रतिनिधि ने गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा, “यह सुशासन का नहीं, दुशासन का तिहार बन गया।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनता समाधान की उम्मीद लेकर आई थी, लेकिन यहां तो अव्यवस्था ने उन्हें और परेशान कर दिया।

सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने की जिज्ञासा के बावजूद, लोगों को निराशा ही हाथ लगी। शिविर में मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने भविष्य में सुधार का आश्वासन तो दिया, लेकिन इस आयोजन ने उनकी तैयारियों और जवाबदेही पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
यह घटना साफ दर्शाती है कि योजनाओं का प्रचार सिर्फ पोस्टरों और नारों से नहीं होता—सफलता के लिए ज़मीन पर ईमानदारी से काम करना ज़रूरी हैँ

EDITOR VS KHABAR