रायगढ़ रेंज अंतर्गत कर्मागढ़ में बन रहे स्टॉप डेम कार्य को लेकर एक बार फिर से विवाद गहराता जा रहा है। गुरुवार की रात 10 बजे जागरूक ग्रामीणों ने एक सीमेंट से लदी ट्रैक्टर को केनानी गांव के पास रोक लिया। शक की सूई तब घूमी जब यह पता चला कि यह ट्रैक्टर निर्माण स्थल से निकल रहा था और इसमें लोड सीमेंट को चुपचाप कहीं और ले जाया जा रहा था।
ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत वन विभाग और ठेकेदार को सूचना दी। मगर आश्चर्य की बात यह रही कि सुबह होते-होते वन विभाग के एक अधिकारी ने मौखिक रूप से बयान दिया कि सीमेंट पास के केनानी गांव स्थित गोदाम ले जाया जा रहा था। लेकिन अब सवाल यह है कि अगर कार्य स्थल पर शाम को काम बंद हो गया था, तो सीमेंट उसी समय सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं पहुँचाया गया? रात के अंधेरे में सरकारी सामग्री की आवाजाही संदेह को जन्म देती है।
ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में निर्माण सामग्री को रानी दरहा के सामुदायिक भवन में रखा जाता था, फिर अब अचानक नया गोदाम कहां से आ गया? बिना किसी जानकारी और पारदर्शिता के ऐसे बदलाव ग्रामीणों को चौंका रहे हैं।
इतना ही नहीं, स्थानीय सूत्रों का दावा है कि कई ट्रिप गिट्टी भी गायब हुई है, जिसे संभवतः निजी उपयोग के लिए बेचा गया। यदि यह आरोप सही हैं, तो यह न केवल सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग है बल्कि नियमों की भी खुली अनदेखी।
ग्रामीण वन समिति की निष्क्रियता पर भी नाराज हैं। लोगों का कहना है कि समिति की भूमिका केवल कागजों तक सीमित रह गई है, जबकि जमीन पर हो रही गड़बड़ियों पर कोई निगरानी नहीं है।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या यह एक सोची-समझी चोरी की कोशिश थी, या सिर्फ ‘भूलवश’ उठाया गया कदम?
जवाब तो जांच के बाद ही सामने आएंगे, मगर फिलहाल कर्मागढ़ में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक बड़ी बहस जरूर छिड़ चुकी है।


EDITOR VS KHABAR