अंबुजा फाउंडेशन के द्वारा 8 स्कूलों में एक दिवसीय शालेय खेल मेला प्रतियोगिता कार्यक्रम किया जा रहा है

अम्बुजा फाउण्डेशन द्वारा 08 स्कूलों में एक दिवशीय शालेय खेल मेला प्रतियोगिता कार्यक्रम किया जा रहा है

मिलूपारा अम्बुजा फाउण्डेशन द्वारा 08 स्कूलों में रिडिंग व फिजिकल एजुकेशन पर कार्य कर रहा है, जिसमें P/S मिलू पारा, P/S सिदारपारा , P/S रामपुर, P/S खम्हरिया, P/S लंदरहा P/S गारे, P/S करवाही ये सभी स्कूल शामिल है। इन सभी स्कूलों में एक दिवशीय शालेय खेल मेला प्रतियोगिता कराया जा रहा है। दिवशीय खेल मेला में – खो-खो, कबड्डी, 100 मी. दौड, 50 मी. दौड, ऊंची कुद, लंबी कूद, गोला फेंक, बैडमिन्टल यह सभी खेल शामिल किया गया है, P/S मिलूपारा और P/S खम्हरिया में 2 P/S ,सिदार पारा p/S एक दिवशीय शालेय खेल मेला कराया गया, इसमें ग्राम पंचायत से मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए, सरपंच महोदया जी, उपसरपंच और पंच व मुखिया और स्कूल के सभी शिक्षक / शक्षिकाओं का भरपूर सहयोग रहा
बच्चों के लिए पढ़ाई साथ साथ खेल भी महत्वपूर्ण है। खेल से बच्चों में शारीरिक व मानसिक विकास होता है, पढ़ाई से जहां बौद्धिक और विकसित होते है, वहीं खेल से बौद्धिक और शारिरिक रूप से मजबुत होते है। खेल बच्चों की मानसिक क्षमताओं के विकास में भी एक बडी- भूमिका निभाते है, पहले चरण में बच्चा वस्तुओं के साथ संवेदन प्राप्त करने व कार्य संचालन करने का प्रयास करता है, दुसरे चरण में बच्चा कल्पनाओं को रूप में देने के लिए वस्तुओं को किसी के प्रतीक के रूप में उपयोग करने
लगता है,
अन्तिम चरण में (17 से 11 वर्ष) काल्पनिक भूमिकाओं के खेलो की तुलना में बच्चा नियमबध्द खेल या (क्रीडाओं) में संलग्न रहता है, खेलो में तार्किक क्षमता व स्कूल सम्बन्धी कौशलों को विकसित होने मदद मिलती है। जटिल भूमिकाओ वाले खेलो में बच्चों का अपने व्यवहार को संगठित करने का बेहत्तर व सुरक्षित अवसर मिलता है, जो वास्तविक स्थिति ओं में नहीं मिलता, इस तरह खेल बच्चो के लिए निकट विकास का क्षेत्र बनाते है। स्कूली स्थिति की तुलना में खेल के दौरान बच्चों की एकाग्रता, स्मृति, आदि उच्चतर स्तर पर काम करती है, खेल में बच्चे की नई विकास मान दक्षताएं पहले उभर कर आती है। खेल शारीरिक और क्रियात्मक विकास को बढावा देता है, खेल भावात्मक विकास में सहायक होता है। सभी स्कूलों में एक दिवशीय खेल मेला में संकुल स्तरीय खेलों की भी तैयारी हो जायेगी, बच्चो का चयन होगा, जिसमे बच्चो को खेलो का अभ्यास कराया जायेगा और संकूल स्तर में खेलने वाले प्रतिभागियों की सूची तैयार की जायेगी। अम्बुजा फाउंडेशन द्वारा 3 दिवसीय खेल मेला का आयोजन किया गया जिसमें 08 स्कूल के बच्चे इसमें सम्मिलित हुए। • खेल कुद बनाते है मनुष्य को अरोग्य, शक्ति संचार करके शरीर
को बनाते सुयोग्य। आओ मिलकर करे खेलो का गुणगान, इनके प्रसिद्धि के लिए सब मिलकर चलाए अभियान

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