
Tamnar News : बीती रात तमनार थाना क्षेत्र के मिलुपारा गांव स्थित एक दुकान में आगजनी की घटना हुई है, देर रात हार्डवेयर की दुकान में आग लगने से लगभग 70- 80 लाख रुपए का सामान जलकर खाक हो गया है। दुकान में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है.. या किन्हीं असामाजिक तत्वों के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है..? यह फिलहाल पुलिस प्रशासन के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। सार्क सर्किट की वजह से दुकान में आग लगने की बात को दुकान संचालक द्वारा दरकिनार किया जा रहा है, जलन की भावना रखने वाले लोगों के द्वारा आगजनी की वारदात को अंजाम दिए जाने की बात दुकान संचालक द्वारा कही जा रही है, फिलहाल मामले की जानकारी मिलने पर तमनार तहसीलदार और पुलिस की टीम मामले की जांच कर रही है।
वायरिंग इंटरनल, हेवी लोड वाले कोई उपकरण नही, तो सार्क सर्किट कैसे..?
गणेश ट्रेडर्ड के संचालक ने बताया कि उसके दुकान की वायरिंग इंटरनल तरीके से हुई है। तथा उसकी दुकान में कोई भी हेवी लोड वाले उपकरण नहीं लगाए गए हैं। साथ ही बिजली का पैनल भी सामानों से लगभग 15 20 फिट की की दूरी पर है। उन्होंने बताया कि दुकान के अंदर पंखा और बल्ब के अलावा कोई हैवी उपकरण नहीं लगे हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की संभावना नहीं है।
पेट्रोल फेक कर आग लगाने की आशंका, डीवीआर भी जला
दुकान संचालक के बेटे तुषार डनसेना ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात उसे नागवार गुजर रहा है, क्यों की दुकान की वायरिंग अंडर वायरिंग हुई है, और उनके दुकान में कोई हैवी बिजली उपकरण नहीं लगाए गए हैं, जिससे लोड अधिक होने पर शॉर्ट सर्किट हो जाए। उन्होंने बताया कि दुकान की खिड़की के पास से उन्हें पेट्रोल फेंक कर आग लगाए जाने की आशंका है।
दुकान में भीषण आग लगने की वजह से अंदर लगे कैमरा का डीवीआर भी जलकर खाक हो गया है। जिससे बाहर लगे कैमरे का फुटेज भी नहीं मिल पा रहा है।
लेट पहुंची फायर ब्रिगेड, नाराजगी
तमनार क्षेत्र उद्योगों से भरा पड़ा है। सबसे ज्यादा उद्योग मिलुपारा गांव के आसपास ही लगे हुए हैं। हिंडालको, अदानी, अंबुजा जैसी नामी कंपनियां क्षेत्र में है। लेकिन किसी भी कंपनी की फायर ब्रिगेड की गाड़ी समय पर घटना स्थल नहीं पहुंची, जिससे देखते ही देखते दुकान आग का गोला में तब्दील हो गया, समय रहते अगर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच जाती, तो कुछ सामान जलने से बच जाते। बड़ी-बड़ी कंपनियां होने के बावजूद भी सुरक्षा के नाम पर आसपास बसे लोगों को फायदा नहीं मिल पा रहा है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी झलक रही है।

EDITOR VS KHABAR