डेम निर्माण में लापरवाही उजागर, क्या फिर दोहराएगा इतिहास?



डेम निर्माण में लापरवाही उजागर, क्या फिर दोहराएगा इतिहास?

रायगढ़। बगुरसिया सर्किल के ग्राम कर्मागढ़ में रानी दरहा मंदिर के नीचे बन रहा स्टॉप डेम एक बार फिर लापरवाही और अनियमितताओं के आरोपों में घिरता नजर आ रहा है। कुछ दिन पूर्व जब निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे और समाचार प्रकाशन के बाद कार्य रुकवाया गया था, तब उम्मीद जगी थी कि सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। मगर अब वही कार्य फिर से पुराने ढर्रे पर बिना किसी सुधार के शुरू कर दिया गया है।

पुरानी डेम



जानकारी के अनुसार, निर्माण स्थल पर कार्य कर रहे मिस्त्री को सामग्री के अनुपात (रेशियो) की बुनियादी जानकारी भी नहीं है। इससे निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, जब स्थल का निरीक्षण करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों की जरूरत थी, उस समय वे एक रिटायर्ड अधिकारी के विदाई समारोह की तैयारियों में व्यस्त पाए गए। संबंधित अधिकारी ने फोन पर बताया कि डेम का निरीक्षण “कल” किया जाएगा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस नाले में पहले भी एक डेम बनाया गया था, जो निर्माण में भ्रष्टाचार और घटिया काम के चलते पूरी तरह नाकाम साबित हुआ। वह डेम न तो वन्यजीवों के लिए लाभकारी रहा और न ही क्षेत्र की पानी की समस्या का समाधान कर सका। अब नया डेम भी उसी रास्ते पर चलता दिखाई दे रहा है।

निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे सुपरवाइजर से जब पत्रकारों ने सवाल पूछने चाहे, तो उन्होंने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। इससे संदेह और भी गहरा हो गया है कि कहीं यह डेम भी पुराने डेम की तरह कागजों में ही टिक न जाए और जमीनी स्तर पर बेकार साबित हो।

अब यह देखना दिलचस्प नहीं, बल्कि जरूरी होगा कि जिम्मेदार अधिकारी कब जागते हैं—क्योंकि अगर यह डेम भी कागजों पर ही मजबूत रहा और जमीन पर ढह गया, तो इसकी कीमत केवल सरकारी खजाना नहीं, बल्कि आम जनता और पर्यावरण को चुकानी पड़ेगी।

पुरानी डेम

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