जंगल के बीच हादसे और पेड़ों की कटाई: रायगढ़-पालीघाट मार्ग बना कोयला ट्रेलरों का खतरनाक सफर
रायगढ़, छत्तीसगढ़। रायगढ़ जिला मुख्यालय को ओडिशा राज्य से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग – पालीघाट से होकर गुजरने वाला – इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मार्ग न केवल ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच का एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक संपर्क बिंदु है, बल्कि कोयले से लदे हजारों ट्रेलरों की दैनिक आवाजाही का भी गवाह है।
पालीघाट के ऊपर स्थित घना जंगल, जिसे उषा कोठी के नाम से जाना जाता है, इस मार्ग पर सबसे संवेदनशील और खतरनाक हिस्सा बन गया है। आए दिन यहाँ ट्रेलरों की दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। तीव्र ढलान और घुमावदार सड़कों के बीच भारी ट्रेलरों का नियंत्रण बिगड़ना आम बात हो गई है।
पेड़ों की कटाई पर उठे सवाल
हादसे के बाद ट्रांसपोर्ट कंपनियाँ अक्सर पेड़ों को काटकर ट्रेलरों को निकालने का रास्ता बना लेती हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस कार्य के लिए ट्रेलर मालिकों के पास किसी प्रकार की वैधानिक अनुमति नहीं होती। ऐसे में यह कार्य न केवल अवैध है, बल्कि वन संपदा को नुकसान पहुँचाने वाला भी है।
वन विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं – क्या इन घटनाओं की जानकारी उन्हें है? क्या कोई कार्रवाई की गई है?
स्थानीय निवासियों की मांग
ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इस मार्ग पर ट्रैफिक नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की तत्काल आवश्यकता है। साथ ही, पेड़ों की अवैध कटाई पर रोक लगाने और वन विभाग की निगरानी बढ़ाने की भी माँग की जा रही है।
क्या कहता है प्रशासन?
अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है। क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी? क्या इस क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी

EDITOR VS KHABAR