नागरामुड़ा के ग्रामीणों ने लिया संकल्प किसी भी हाल में नहीं काटने देंगे गांव के जंगल।
जिंदल कंपनी के लिए शासन प्रशासन के द्वारा जंगल कटाई के विरोध में जंगल में ही आंदोलन कर रहे नागरामुडा के ग्रामीण।
तमनार–जिंदल कंपनी के लिए कोयला खनन करने सेक्टर 4/1 में नागरामुडा गांव की जंगल की कटाई वन विभाग के द्वारा दिनांक 27/11/24 को शुरू किया गया था।जिसके विरोध में ग्रामीण जंगल ही पहुंच गए। प्रशासन का कहना है कि स्वीकृति पश्चात ही जंगल कटाई शुरू की गई है।परंतु ग्रामीणों का आरोप है कि यह क्षेत्र भारत के संविधान के मुताबिक पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है।और यहां बिना ग्राम सभा सहमति के जंगल कटाई की स्वीकृति मिल गई और जंगल कटाई शुरू कर दी गई।ग्रामीणों ने कहा अतिरिक्त भूमि के नाम से 2007 में पंचायत प्रस्ताव दिया गया था।परंतु अभी तक वन भूमि के लिए ग्राम सभा का प्रस्ताव नहीं दिया गया है।ग्राम सभा हुआ उसमें इसके विरोध में प्रस्ताव बना है।फिर भी शासन–प्रशासन के द्वारा गलत तरीके से स्वीकृति दी गई है।इसके विरोध में ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं।ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि शासन प्रशासन के द्वारा यहां पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की कोई भी तैयारी नहीं की गई है। विस्थापित होने से गांव के लगभग 50 परिवार बेघर हो जाएंगे।और इसी बात का डर ग्रामीणों को सता रहा है।पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि शासन प्रशासन के द्वारा गैर कानूनी और गैर संवैधानिक तरीके से जंगल की कटाई शुरू कर दी गई है। जिसके विरोध में ग्रामीण लगातार 37 दिन तक आंदोलन करते हुए दिन–दिनभर जंगल में रहकर जंगल की रखवाली कर रहे हैं।

EDITOR VS KHABAR