अन्नकूट, गोवर्धन पूजा

💥अन्नकूट, गोवर्धन पूजा 💥

गोवर्धन पूजा की कहानी भगवान श्रीकृष्ण और इंद्र के बीच के युद्ध से जुड़ी है. इस कहानी के मुताबिक, भगवान इंद्र को भगवान कृष्ण की भक्ति से नाराज़गी थी. उन्होंने क्रोधित होकर भारी बारिश करवाई, जिससे ब्रजवासियों को बहुत परेशानी हुई. तब भगवान कृष्ण ने इंद्र के अहंकार को दूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था. इस तरह उन्होंने ब्रजवासियों को इंद्र की बारिश से बचाया था।

गोवर्धन पूजा की कहानी से जुड़ी कुछ और खास बातें:
इस घटना के बाद भगवान कृष्ण ने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया था।

इस दिन गोबर से बना गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है और घर की समृद्धि का आशीर्वाद मांगा जाता है।.
गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का त्योहार भी मनाया जाता है.
मान्यता है कि गोवर्धन पूजा की कथा पढ़ने के बिना पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता. गोवर्धन पूजा के दिन स्त्रियां गोबर से भगवान बनाकर उनकी पूजा करती हैं. गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का भोग लगाया जाता है और दीपदान किया जाता है.गोवर्धन पूजा के दिन जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।

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