*छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना के रीढ़ बने 500 स्वास्थ्य मितान हुए बेरोजगार, सरकार ने टेंडर खत्म कर काटा भविष्य का सहारा*
रायपुर
देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ के तहत छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले करीब 500 “स्वास्थ्य मितान” कर्मचारियों को राज्य सरकार ने एक झटके में बेरोजगार कर दिया है। इन मितानों का टेंडर 30 अप्रैल 2025 को समाप्त कर दिया गया और उसे बिना किसी विस्तार या विकल्प के रद्द कर दिया गया।

10 वर्षों से अधिक सेवा, फिर भी कोई स्थायित्व नहीं
स्वास्थ्य मितान, जिन्हें पहले कियोस्क ऑपरेटर के रूप में जाना जाता था, राज्य के सभी 33 जिलों में पिछले 10 से 12 वर्षों से लगातार सेवाएं दे रहे थे। ये कर्मचारी थर्ड पार्टी कंपनियों के माध्यम से आयुष्मान भारत योजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य जैसे:
आयुष्मान कार्ड बनाना
वय वंदन कार्ड प्रोसेस करना
क्लेम वेरिफिकेशन व अपलोडिंग
ग्रामीण-शहरी मरीजों को लाभ दिलाना
जैसे अहम दायित्व निभा रहे थे।
छत्तीसगढ़ को टॉप पर पहुंचाया, फिर भी इनाम नहीं, सजा मिली
नीति आयोग की रिपोर्ट और आयुष्मान भारत मिशन की केंद्रीय समीक्षा के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने देशभर में:
Ayushman Card Generation में टॉप 5 राज्यों में स्थान पाया।
Claim Processing में National Average से 2 गुना बेहतर प्रदर्शन किया।
और इसका बड़ा श्रेय इन स्वास्थ्य मितानों को जाता है, जो सीमित संसाधनों में भी लगातार फील्ड में सक्रिय रहे।
न वेतन मिला, न सम्मान
इन कर्मचारियों को:
लगातार 4–5 महीनों तक वेतन नहीं दिया गया, फिर भी इन्होंने सेवा जारी रखी।
अब बिना पूर्व सूचना, बिना वैकल्पिक नियुक्ति, सेवा समाप्त कर दी गई।
सरकार से माँग – डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में समायोजन हो
स्वास्थ्य मितानों ने राज्य सरकार और माननीय स्वास्थ्य मंत्री से निवेदन किया है कि:
> “हमारी सेवाओं को देखते हुए हमें स्टेट हेल्थ एजेंसी के अंतर्गत डाटा एंट्री ऑपरेटर या समान पदों पर समायोजित किया जाए, जिससे आयुष्मान भारत योजना की निरंतरता बनी रहे और हम अपने परिवार का जीवन यापन जारी रख सकें।”
जनता और मीडिया से अपील
इन कर्मचारियों की अपील है कि समाज, मीडिया और जनप्रतिनिधि मिलकर इस अनदेखी और अन्याय को सरकार तक पहुँचाएँ ताकि उनके वर्षों के योगदान का सम्मान हो, और छत्तीसगढ़ आयुष्मान भारत योजना में देश का सिरमौर बना रहे।

EDITOR VS KHABAR