छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखे आवेदन से झरिया जलस्रोत के संरक्षण की मांग, सुशासन दिवस पर नरेश राठिया ने उठाई आवाज

छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखे आवेदन से झरिया जलस्रोत के संरक्षण की मांग, सुशासन दिवस पर नरेश राठिया ने उठाई आवाज

तमनार (रायगढ़):
तमनार ब्लॉक के सामाजिक कार्यकर्ता और गौ-सेवा, अग्निशमन जैसे कार्यों में सदैव अग्रणी रहने वाले नरेश राठिया इन दिनों अपने ग्राम के एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक जलस्रोत “झरिया” को संरक्षित करने की मुहिम में जुटे हुए हैं। उन्होंने सुशासन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी भाषा में जिला कलेक्टर को आवेदन सौंपकर इस बहते जल के स्रोत को संरक्षित करने की मांग की है।

नरेश राठिया ने बताया कि “झरिया” गाँव का एक ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर है, जहाँ से सालों से ग्रामीणों को शुद्ध पानी मिलता रहा है। लेकिन वर्तमान में यह जलस्रोत उपेक्षा और अतिक्रमण का शिकार हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि झरिया की सफाई, चारों ओर बाड़ाबंदी और नियमित देखरेख की व्यवस्था की जाए ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रह सके।

नरेश राठिया का आवेदन इस मायने में भी खास है कि यह पूरी तरह छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखा गया है, जो न केवल स्थानीय संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देता है बल्कि शासन-प्रशासन तक आम जनता की आवाज़ सीधे तौर पर पहुँचाने का प्रभावशाली माध्यम भी बन रहा है।

ग्रामवासियों ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए प्रशासन से शीघ्र कार्यवाही की अपील की है।

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