ग्राम पंचायत गौरबहरी का पशु चिकित्सालय बदहाली का शिकार, जिम्मेदारों की अनदेखी से खंडहर में तब्दील
तमनार – ग्राम पंचायत गौरबहरी में सन 1997 से संचालित पशु चिकित्सालय अब उपेक्षा और बदहाली का शिकार हो गया है। पशुपालकों की सुविधाओं के लिए स्थापित यह चिकित्सालय न तो नियमित रूप से खुलता है और न ही यहाँ कोई स्थायी चिकित्सक या कर्मचारी तैनात दिखाई देता है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, महीनों में महज एक-दो बार ही कोई संबंधित अधिकारी यहां का दौरा करता है, जबकि अधिकांश समय यह चिकित्सालय बंद ही रहता है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी कहीं और अपना अस्थायी कार्यालय संचालित कर रहे हैं, जिससे पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खंडहर में तब्दील हो रहा चिकित्सालय भवन
लगातार हो रही अनदेखी और रखरखाव के अभाव में यह चिकित्सालय अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। अगर जल्द से जल्द इसका नवीनीकरण नहीं किया गया, तो यह भवन पूरी तरह जर्जर हो जाएगा और पशुपालकों को उपलब्ध सुविधाएं भी पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी।
इन गांवों के पशुपालकों को हो रही परेशानी
गौरबहरी के अलावा हमीरपुर, जोबरो, भगोरा, पड़िगांव और समकेरा के पशुपालक भी इस चिकित्सालय पर निर्भर हैं। लेकिन सुविधा के अभाव में इन्हें मजबूरन दूर-दराज के इलाकों में इलाज करवाना पड़ रहा है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है।
ग्रामीणों की प्रशासन से अपील – जल्द हो समाधान
ग्रामवासियों और पशुपालकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पशु चिकित्सालय को पुनः सुचारू रूप से संचालित किया जाए, नियमित चिकित्सक और कर्मचारी नियुक्त किए जाएं और भवन की मरम्मत जल्द से जल्द करवाई जाए।
अब देखने वाली बात होगी कि इस खबर के संज्ञान में आने के बाद संबंधित विभाग और प्रशासन क्या कदम उठाते हैं या फिर यह चिकित्सालय यूं ही उपेक्षित पड़ा रहेगा।


EDITOR VS KHABAR