कोलता समाज जांजगीर के द्वारा नवरात्रि के प्रथम दिवस रामचंडी मंदिर धौराभाठा  में  भंडारा का किया गया आयोजन

रामचंडी मंदिर धौरा भाठा में किया गया ज्योति कलश स्थापना

शारदीय नवरात्रि पर्व का शुभारंभ आज हुआ जिसमे जगह जगह मां दुर्गा प्रतिमा का विराजमान किया गया और मां दुर्गा के उपासको के द्वारा अपने अपने घरों में भक्ति भाव के लिए दीप प्रज्ज्वलित किया गया
हमारी चेतना के अंदर सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण- तीनों प्रकार के गुण व्याप्त हैं। प्रकृति के साथ इसी चेतना के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन 9 दिनों में पहले तीन दिन तमोगुणी प्रकृति की आराधना करते हैं, दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखरी तीन दिन सतो गुणी प्रकृति की आराधना का महत्व है ।

नवरात्रि, हिंदू धर्म में एक पवित्र त्योहार है. यह त्योहार ‘शक्ति’ नामक देवी शक्ति को समर्पित है.

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माता दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर से नौ दिनों तक युद्ध किया था और नवमी की रात को उसका वध किया था. तभी से नवरात्रि मनाई जाती है.

नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. हर दिन, जीवन, शक्ति, ज्ञान, धन वगैरह के अलग-अलग पहलुओं का प्रतीक होता है.

नवरात्रि के दौरान, वातावरण में मौजूद सूक्ष्म ऊर्जाएं व्यक्ति की आत्मा तक पहुंचती हैं. इससे आत्मा के संपर्क में आने से सकारात्मक गुणों का विकास होता है और नकारात्मक भावनाएं दूर होती हैं.
आज नवरात्रि पर्व पर जांजगीर कोलता समाज के लोगों के द्वारा राम चंडी मंदिर धौरा भाठा भंडारा का आयोजन किया गया जिसमे सभी सभी श्रद्धालु जन इस भंडारा में सा ग्रहण करते हैं इसी प्रकार 9 दिनों तक भंडारा का आयोजन किया जाता है अलग-अलग समाज अलग-अलग गांव के लोग और मंदिर समिति के द्वारा भी भंडारा कारण किया जाता है

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